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वन पंचायतों में विभाग का सीधा दखल होगा समाप्त, वित्तीय प्रबंधन के मिले अधिकार

प्रदेश की 11217 वन पंचायतों को मजबूत और स्वावलंबी बनाने के लिए धामी कैबिनेट ने वन पंचायत संशोधन नियमावली पर मुहर लगा दी है। जिसमें ब्रिटिश काल के अधिनियमों में बदलाव कर वन पंचायतों को वित्तीय प्रबंधन के अधिकार दिए गए ।

नई नियमावली के तहत अब नौ सदस्यीय वन पंचायत का गठन किया जाएगा। जिसके पास जड़ी-बूटी उत्पादन, पौधरोपण, जल संचय, वन अग्नि रोकथाम, इको टूरिज्म में भागीदारी के अधिकार होंगे। इससे वन पंचायतों की आय में बढ़ोतरी होगी। पहली बार त्रिस्तरीय स्थानीय निकायों को भी वन पंचायत के वन प्रबंधन से जोड़ा गया है।

उत्तराखंड देश का एक मात्र राज्य है, जहां वन पंचायत व्यवस्था लागू है। यह एक ऐतिहासिक सामुदायिक वन प्रबंधन संस्था है, जो वर्ष 1930 से संचालित हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 11217 वन पंचायतें गठित हैं, जिनके पास 4.52 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र है।

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