अपनी जान को खतरे में डालकर दूसरों की जान बचाने वाले राज्य के बहादुर बच्चों को अब राज्य स्तर पर भी वीरता पुरस्कार देने की तैयारी है। राज्य बाल कल्याण परिषद ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे 17 फरवरी को राजभवन से मंजूरी मिल सकती है।
राज्य के गुलदार से दूसरों की जान बचाकर अदम्य साहस का परिचय देने वाले बच्चों के मामले अक्सर सामने आते हैं। इसके अलावा प्रदेश के वीर बच्चे पानी में बहने से बचाने जैसे कई बहादुरी के काम करते हैं। भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से पूर्व में राज्य के इन बहादुर बच्चों को हर साल गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाता रहा है, लेकिन किन्हीं वजहों से पिछले कुछ वर्षों से इसके लिए भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से आवेदन नहीं मांगे जा रहे हैं। यही वजह है कि अब इस तरह के बच्चों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किए जाने की तैयारी है। इसके लिए प्रस्ताव को मंजूरी के बाद राज्य स्तर पर इस तरह के बच्चों के आवेदन लिए जाएंगे। जिसके बाद बाल वीरों को राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार दिया जाएगा।
गुलदार से भिड़ गई थी बहादुर बिटिया राखी
अपने चार साल के छोटे भाई की जान गुलदार से बचाने के लिए पौड़ी जिले की बहादुर बिटिया राखी गुलदार से भिड़ गई थी। उसकी इस वीरता को देखते हुए उसे पूर्व में राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैै। राज्य में बाल वीरों के इस तरह के इक्का दुक्का नहीं, बल्कि कई मामले हैं।