कल से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे है। इस दौरान मां के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना कर व्रत रखा जाएगा। व्रत खोलने के लिए लोग कुट्टू, सिंघाड़े के आटे, साबूदाना सहित विभिन्न खाद्य सामग्री का प्रयोग करेंगे। ऐसे में बाजार में खाद्य सामग्री में मिलावटी होने का डर बना रहता है। दुकानों पर कुट्टू के आटे की शुद्धता की पहचानना काफी मुश्किल होता है।दून में पूर्व में हुई सैंपलिंग में कुछ नमूने फेल भी हुए हैं। कुट्टू और सिंघाड़े का आटा खरीदते समय कई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
तीन अक्तूबर से शुरू होने वाले नवरात्र 12 अक्तूबर तक रहेेंगे। नवरात्र में व्रत खोलने के लिए कुट्टू के आटे और साबूदाने की काफी मांग रहती है। इसलिए कूट्टू के आटे में सबसे ज्यादा मिलावट की आशंका रहती है। इसे लेकर लोगों को कूट्टू के आटे को खरीदने में सबसे ज्यादा डर रहता है। लोग समझ नहीं पाते कि आटे में शुद्धता की पहचान कैसे करें। दून में बड़ी मात्रा में कूट्टू के आटे का कारोबार होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कूट्टू के आटे में आरारोट, किनकी और काला रंग मिलाया जाता है। वहीं सिंघाड़े के आटे में चावल की भूसी, आरारोट मिलाया जाता है। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष सयाना ने बताया कि कूट्टू का आटा पुराना काफी नुकसान करता है। इसलिए खुले आटे को खरीदने से बचना चाहिए।