नामी कंपनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवाओं से करोड़ों की ठगी करने वाले दो साइबर ठगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। आरोपी सहारनपुर रोड पर एक ट्रांसपोर्ट कंपनी की आड़ में कॉल सेंटर चला रहे थे। इनमें एक साइबर ठग देहरादून और एक पौड़ी गढ़वाल के लैंसडाैन का रहने वाला है।
तस्दीक की गई तो पता चला कि इनमें से कुछ नंबर पटेलनगर थाना क्षेत्र में संचालित हो रहे हैं। एसटीएफ की टीम ने इस सूचना के आधार पर मोबाइल फोन और अकाउंट नंबरों की जांच की। पता चला कि पांच बैंक खातों में पिछले दो माह में लाखों रुपये जमा हुए हैं। यह रकम देशभर के कई राज्यों के युवाओं से ठगी गई है।
सूचना पुख्ता होने के बाद एसटीएफ की टीम ने सहारनपुर रोड स्थित बीजीटीसी बाबाजी ट्रांसपोर्ट कंपनी के ऑफिस में छापा मारा।टीम ने देखा कि वहां पर एक कॉल सेंटर संचालित हो रहा था और दो युवक मौजूद थे। इनमें से एक ने अपना नाम ईश्विंदर शेरगिल निवासी गांधी ग्राम देहरादून और दूसरे ने विवेक रावत निवासी लैंसडाैन पौड़ी गढ़वाल बताया।
विवेक रावत का हाल पता जैदपुर, बदरपुर, नई दिल्ली का है। इस सेंटर को ईश्विंदर शेरगिल संचालित करता है। उसने अपने साथ में विवेक रावत को सेलरी पर रखा हुआ था। वह 2019 में थाना वसंत कुंज नई दिल्ली से भी जेल जा चुका है। उसने एसटीएफ को बताया, वह बाबा ट्रांसपोर्ट कंपनी और सन्नी फाउंडेशन नाम का एनजीओ चलाता है।
उसने तीन-चार लड़कों को अपने साथ लगाया हुआ है। विवेक रावत को युवाओं से पैसे ठगने के काम के लिए रखा हुआ था। वह युवाओं को फोन करता था। उनसे कहता था कि उन्हें इस कंपनी में नौकरी पर रखा जा रहा है। इसके लिए उनसे प्रोसेसिंग फीस आदि के नाम पर 20 से 30 हजार रुपये तक जमा करा लिए जाते थे।