राज्य में प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में आयोजित प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में इसकी घोषणा की। उन्होंने सम्मेलन में पहुंचे प्रवासी उत्तराखंडियों से राज्य के विकास में अपना योगदान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासियों से कहा कि कम से कम वर्ष में एक बार अपने गांव और पैतृक घर पर जरूर आएं और अपनी-अपनी विशेषज्ञता के हिसाब से अपने क्षेत्र के विकास में योगदान दें। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड @ 2025 का लोगो लांच किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की माटी से जुड़े प्रवासियों ने शिक्षा, अनुसंधान, ब्यूरोक्रेसी, फिल्म निर्माण, उद्योग, व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान उत्तराखंड से हैं। भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस विपिन रावत भी इसी भूमि से थे। उत्तराखंड की संस्कृति अपने आप में विशिष्ट है। हमारे प्रवासी देश के विभिन्न राज्यों में अपनी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन सभी को उत्तराखंड की मिट्टी से फिर से जोड़ने का एक प्रयास है। यह ऐसा समागम है, जहां सभी प्रवासी भाई बहन न सिर्फ राज्य के अधिकारियों के साथ संवाद कर सकेंगे बल्कि उन्हें विभिन्न राज्यों में निवासरत अन्य उत्तराखंडी प्रवासियों से भी मिलने का अवसर प्राप्त हो रहा है। पिछले एक साल में बेरोजगारी की दर 4.4 प्रतिशत कम हुई है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंड़ियों ने अपने संघर्ष और परिश्रम के बल पर देश के कोने-कोने में अलग पहचान बनाई है। उत्तराखंड हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। राज्य में कार्य करने के लिए अनेक क्षेत्रों में संभावनाएं हैं।विधायक विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना बड़े संघर्षों के बाद हुई। राज्य में कार्य करने के लिए बहुत अच्छा वातावरण है। हम सबको राज्य के विकास के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।