प्रदेश में लगातार चल रही मांग के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एलान किया है कि उनकी सरकार वृहद भू-कानून लाने जा रही है। अगले साल बजट सत्र में कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 250 वर्ग मीटर आवासीय और 12.50 एकड़ अन्य भूमि के नियम तोड़ने वालों की भूमि जांच के बाद सरकार में निहित की जाएगी।
शुक्रवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार भू-कानून एवं मूल निवास के मुद्दे को लेकर संवदेनशील है। हम अगले बजट सत्र में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू-कानून लाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मार्च 2021 से अब तक लंबे समय से चले आ रहे विभिन्न मामलों का निस्तारण हमारी सरकार ने किया है, उसी प्रकार मैं उत्तराखंड की जनता को यह विश्वास दिलाता हूं कि भू-कानून के मुद्दे का समाधान भी हमारी सरकार ही करेगी।
धामी ने कहा कि वर्तमान में राज्य के नगर निकाय क्षेत्र से बाहर कोई भी बाहरी राज्य का व्यक्ति 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद सकता है, लेकिन संज्ञान में आया है कि एक ही परिवार में अलग-अलग नामों से जमीन खरीदकर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी जांच कराएंगे और जिन व्यक्तियों ने ऐसा किया है उनकी भूमि राज्य सरकार में निहित की जाएगी।
सीएम ने कहा कि राज्य में जिन व्यक्तियों ने पर्यटन, उद्योग, शिक्षण संस्थान जैसी गतिविधियों के लिए अनुमति लेकर जमीन खरीदी, लेकिन उसका उपयोग इस प्रयोजन के लिए नहीं किया, उनका विवरण भी तैयार कराया जा रहा है। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनकी जमीनें भी राज्य सरकार में निहित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि 2018 में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) में हुए संशोधन का सकारात्मक परिणाम नहीं है। इसके तहत 12.50 एकड़ से अधिक जमीन खरीद के प्रावधानों की समीक्षा होगी और उन्हें खत्म किया जाएगा।