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Chardham Yatra में इस बार भी तीर्थयात्रियों को रोडवेज की बूढ़ी हो चुकीं बसें ढोएंगी ।

चारधाम यात्रा 2024 से पहले रोडवेज की नई बसें नहीं आईं, तो इस बार भी बूढ़ी हो चुकी रोडवेज की बसें तीर्थ यात्रियों को ढाेएंगी। इन बसों में सफर करना खतरे से खाली नहीं है। ऋषिकेश रोडवेज डिपो में वर्तमान में अपनी 45 बसें है। 23 बसें अनुबंधित हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित अधिकांश बसें अपनी किलोमीटर क्षमता पूरी कर चुकी हैं।

ये बसें करीब सात लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी हैं, जबकि नियमानुसार पांच लाख किमी से अधिक संचालित नहीं हो सकती। ये बसें ऋषिकेश-दिल्ली-घनसाली, ऋषिकेश-दिल्ली-गुप्तकाशी, ऋषिकेश-दिल्ली-गोपेश्वर, ऋषिकेश-दिल्ली-उत्तरकाशी, ऋषिकेश-पौड़ी-चंडीगढ़ मार्ग पर संचालित होती हैं। इन बसों की संख्या करीब 12 है।

डिपो की रोडवेज बसों की मरम्मत के लिए रोडवेज मुख्यालय से पर्याप्त मात्रा में पार्ट्स न आने से बसों की जैसे तैसे मरम्मत करने के बाद उन्हें मार्ग पर दौड़ाने के लिए तैयार किया जाता है। ये बसें रास्ते में जवाब दे देती हैं। वहीं रोडवेज मुख्यालय की ओर से रोडवेज बसों की खरीद में लंबा समय लगाने से पर्वतीय मार्गों पर नई बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है।

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